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Ongole Cow : शिव की नंदी भारत में सिर्फ गाय की कीमत सिर्फ एक लाख, विदेशों में 40 करोड़ रूपये, जाने क्या है खासियत

Ongole Cow Nasal : भारत में गऊ पालन दुनियां में जाना जाता है, यहां देश के अलग अलग क्षेत्र में गाय की अनेक वैरायटी पाई जाती है, जो भारतीय बाजारों में अर्थव्यवस्था की रीड साबित हो रही है, इन्हीं में से एक ओंगोल गाय की नस्ल जो भारत की मशहूर नसल है, यह भारत में 1 लाख रुपए की कीमत में मिलती है, जबकि विदेशों में खासकर ब्राजील में 40 करोड़ रुपए तक बिकती है।

भारत में ओंगोल गाय (Ongole Cow) की नस्ल में हो रही कमी

Ongole Cow Nasal : भारत की शान ओंगोल गाय की नस्ल एक समय में भारतीय लोगों की शान थी, परंतु इनकी संख्या लगातार भारत में घटने लगी है, हाल ही में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इस समय ओंगोल गाय की संख्या गिरकर 6.34 लाख रह गई है, इससे पहले वर्ष 1944 में भारत में इनकी संख्या 15 लाख तक थी, जबकि ब्राजील की अर्थव्यवस्था में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, आपको बता दें कि ब्राजील में Viatina-19 नसल ओंगोल गाय की बिक्री 40 करोड़ रुपए तक बताई जा रही है।

हरियाणा: किसानों की शान आन बान एवं भारतीय संस्कृति की पहचान, इतिहास धरोवर हमारी जीवन शैली में प्रमुख भूमिका निभाती है, इससे पहले हमेशा से गाय खेत खलियान से लेकर दुग्ध उत्पादन हेतू हमारी यह नस्ल शान रही है, हमारे देश में इस नस्ल को लुप्त होते देखा जा सकता है, जबकि दक्षिण अमेरिकी देश ब्राजील में इस नस्ल के करोड़ों रुपए मिलते हैं।

IVF तकनीक से तैयार बछड़े ने लिया जन्म

हाल ही में लोगों में इस बात को लेकर खुशी की लहर दौड़ गई जब आंध्र प्रदेश के गुंटूर में छोटे से शेड 9 में एक बछड़े ने जन्म लिया, यह बछड़ा IVF तकनीक से तैयार किया गया है, करोड़ों रुपए के इस बछड़े की बात करें तो, विशुद्ध ओंगोल नस्ल का बछड़ा है, जिसकी विदेशों में करोड़ों रुपए कीमत पर मिलता है।

हाल ही में छपी इंडियन एक्सप्रेस रिपोर्ट के मुताबिक LAM Farms के प्रभारी प्रभारी डॉ. एम. मुथा ने कहा ने बताया कि हमने बीते 30 सालों से इस नस्ल के 8 पीढ़ियों को बचाया है, परंतु बड़ी विंडवना यह है कि लगातार इस नस्ल के अस्तित्व को बचाने हेतू भारत में लड़ाई लड़ी जा रही है। दूसरी ओर ब्राजील जैसे देश इसको गाय की सबसे महंगी नस्ल में सुमार कर चुका है, जबकि कभी भारत की यह शान रही है।

भारत में इस नस्ल की कोई कदर नहीं करता क्योंकि यह नस्ल अन्य सामान्य गाय की नस्ल की बजाय कम दूध देती है, भारतीय लोगों द्वारा देशी नस्ल की बजाय विदेशी गाय की नस्लों को खरीद रहे हैं, क्योंकि वो अधिक दूध देती है, भारत में यह किस्म बहुत कम कीमत में मिल रही है, दूसरी ओर ब्राजील में फरवरी माह में एक ओंगोल गाय Viatina-19 नस्ल की कीमत भारतीय 40 करोड़ रुपए (4.38 मिलियन अमरीकी डॉलर या 25.7 मिलियन ब्राज़ीलियन रियल) में बोली लगी। ब्राजील में यह 1100 किलो वजन की गाय को सुपर काऊ के रूप में तैयार की जा रही है।

इस गाय के ऊपर जो थूई है वह कभी शिव भगवान की नंदी बेल के ऊपर दिखाई देने वाले हिन्से में दिखाई देती है वह इसी नस्ल से ली गई है, जिसकी मान्यता पुराने समय से हमारी संस्कृति से जुड़ी है, ब्राजील में पहली बार यह नस्ल माना जाता है कि भारत से 1877 में ले जाया जाता था, इस समय यह नस्ल ब्राजील में 80 फीसदी तक अर्थव्यवस्था में भूमिका निभाती है।

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