भेंस की 10 टॉप नस्ले : साथियों इस समय दूध एवम् दूध से बने पदार्थ की मांग दिन बर दिन बढ़ रही है, जिसके कारण पशु पालन, डेयरी पालन का व्यवसाय कार्य भी जोर पकड़ने लगा है, ऐसे में इस व्यवसाय को करके आप जबर्दस्त मुनाफा कमा सकते है, ऐसे में हम आज भेंस की 10 टॉप नस्ले जो अधिक दूध के साथ अच्छा मुनाफा दे सकती है..
आईए जानें भेंस की 10 टॉप नस्ले जो दे सकती है अधिक लाभ।
वैसे तो भारत में सैंकड़ों भैंस की नस्ले इस समय पाली जा रही है, यानी राज्य एवम् क्षेत्र के अनुसार एवम् वातावरण के अनुसार खास होती है, जो लोग उस क्षेत्र में पालते है, परंतु आज हम भेंस की 10 टॉप नस्ले के बारे में बात करने जा रहे हैं जो अधिक दूध देने के लिए जानी जाती है, एवम् सबसे ज्यादा पशुपालन डेयरी उत्पाद हेतु पाली जा रही है..
1. मुर्रा भैंस की नस्ल:–
भारत में सबसे ज्यादा मशहूर भेंस की नस्ल मुर्रा है जो देश ही नहीं दुनियां तक इसका जिक्र होता है, यह प्रमुख रूप से हरियाणा की नस्ल मानी जाती है, जिसको हरियाणा में काला सोना के नाम से जाना जाता है, दूध में अधिक वसा हेतु मुर्रा भैंस मानी जाती है, प्रत्येक दिन इस नस्ल की भेंस से 16 से 21 किलोग्राम तक लिया जा सकता है, इसकी उत्पत्ति हरियाणा के हिसार में मानी जाती है,
मुर्रा भैंस की कीमत एवम् पहचान कैसे करें?
इसका रंग गहरा काला होता है, एवम् सिंग जलेबी आकर लिए हुए होते हैं, वही इसका सिर छोटे आकार का होता है, वही पूंछ, सिर और पैरो पर बाल का रंग सुनहरा होता है, इसका ग्र्भकाल तकरीबन 310 दिन का होता है, यह दूध के लिहाज से प्रत्येक साल तकरीबन 3000 से 3500 लिटर तक देती है। वही इसका पालन इस समय हरियाणा, उतर प्रदेश, पंजाब एवम् दिल्ली के आसपास क्षेत्र में अधिक किया जा रहा है। कीमत की बात करें तो मुर्रा नस्ल की भैंस की कीमत 1.50 लाख के नजदीक मिलती है।
2. सुरती भेंस की नस्ल:
यह सुरती भैंस की नस्ल मूल रूप से गुजरात के आनंद ,खेड़ा एवम् बड़ौदा की नस्ल मानी गई है, यह कहे कि प्रमुख रुप से इसकी नस्ल माही आर साबरमती नदी के बीच, देखने को मिलता है, अनेक स्थानों पर अलग अलग नाम से भी जानी जाती है, जैसे – गुजराती, दखनी, चरोटारी , नडियाडी, एवम् तालाबारा । भैंस रंग में भूरी होती है, वही प्रतिदिन के हिसाब से यह लगभग 12 से 15 लीटर तक दूध देने की क्षमता रखती है, यदि किसान साथी अपना खुद का व्यवसाय इस क्षेत्र में या फिर डेयरी उत्पाद हेतु करना चाहते हैं तो यह भैंस की नस्ल पालकर अच्छा मुनाफा कमा सकते है।
ये हैं सुरती भैंस की पहचान एवं विशेषताएं
सुरती भैंस अपने हल्के काले एवम् भूरे रंग में देश में अनेक राज्यों में पाली जाती है, को आकार में देखे तो बैल जैसी दिखाईं देती है, वही ऊंचाई के लिहाज से देखा जाए तो मादा सुरती भैंस की ऊंचाई तकरीबन 132 से 136 सेंटीमीटर एवम् लंबाई में 152 से 157 सेंटीमीटर तक होती है, एवम् वजन के लिहाज से इसका ओसत 395 से 435 किलोग्राम (408 kg average weight) तक देखने को मिलता है, वही नर सुरती भैंस का तकरीबन वजन 480 से 535 किलोग्राम (499 kg average weight) तक देखने को मिलता है।
सुरती भैंस की नसल की कीमत एवम् दूध की मात्रा। ऐसे में भेंस की 10 टॉप नस्ले
Buffalo Farming | सुरती नस्ल की इस भेंस की दूध क्षमता करें तो यह रोजाना 12 से 15 किलो तक दे देती है, वही अच्छी देखभाल करने एवम् पोषक तत्वों की अच्छी खुराक से इसमें और भी वृद्धि देखने को मिल सकती है। वही इसमें वसा की मात्रा तकरीबन 6 फीसदी से 8 फीसदी तक होती है। वही सुरती भेंस की कीमत इस समय 60000 रूपए प्रति 80000 रूपए तक देखने को मिलता है, हालांकि मांग के अनुसार उसकी कीमत कम या अधिक हो सकती है। प्रत्येक साल यह नस्ल 1700 से 2000 लिटर दूध दे सकती है।
3. नीली रावी भैंस की नस्ल
यह भेंस की नस्ल मुख्य रूप से पंजाब में अधीक पाली जाती है, वही इस नस्ल का जन्म स्थान पाकिस्तान के मोंटगोमरी जिले से माना जाता है, यह भेंस नीली एवम् रावी की क्रॉस ब्रीडिंग के साथ बहुत प्रसिद्ध है, स्वास्थ्य के लिहाज से रोग प्रतिरोधक क्षमता इसकी शानदार है, वही सालभर में दूध प्रति ब्यांत के बाद तकरीबन 2200 से 2500 लिटर तक देती है,
भेंस की यह नीली रावी नस्ल की पहचान के लिए इसकी आंखे बिल्ली जैसी, शरीर का रंग काला, घुटनों एवम् निचले पैर का रंग सफ़ेद, मध्यम आकार का होता है, वही सींग भारी रहते हैं, इसके वजन की बात करे तो नर का ऐवरेज वजन 600 एवम् मादा भैंस का वजन 450 किलोग्राम तक होता है, इसके दूध मै वसा की मात्रा 7 फीसदी तक रहती है। सालभर में दूध की मात्रा 2200 से 2500 लिटर तक आंकी जाती है।भेंस की 10 टॉप नस्ले ।
4. मेहसाना भैंस की नस्ल:
यह नस्ल भारत के गुजरात की मुख्य भेंस की नस्ल है जिसमे सुरती भेंस एवम् मुर्रा भैंस के इंटर ब्लड को मिक्स करके नई नस्ल तैयार की गई है। यह नस्ल उतरी गुजरात के मेहसाना जिले में मुख्य रूप से पाई जाती है, इसके अलावा पाटन, सिद्धिपुर, बीजापुर, कडी, राधनपुर आदि स्थान पर इसकी सुद्ध किस्म मिलती है।
मेहसाना भेंस की पहचान एवम् दूध की मात्रा
गुजरात की मुख्य भेंस की यह नस्ल पहले बयांत में तकरीबन 36 से 40 माह का समय लेती है, इसकी मुख्य पहचान ललाट चौड़ा, बीच में थोड़ा गड्ढा,मध्यम आकार का शरीर , सिंग का आकर कम मुड़ा हुआ, गर्दन लंबी, आंखे सुंदर, काली एवम् चमकीली, कान नुकीले माध्यम आकर एवम् कानों में बाल, वही दुग्ध की मात्रा प्रति वर्ष तकरीबन 1500 से 2200 किलोग्राम तक देती है। यह भेंस शांत स्वभाव के लिए जानी जाती है।
5. साथकनारा भैंस की नस्ल:
दक्षिण भारत की यह प्रमुख नस्ल मानी जाती है, यानी दक्षिण भारत के तटीय क्षेत्रों में बहुत अधिक मात्रा में पाली जाती है, इस भेंस की नस्ल को दक्षिण भारत की मुर्रा नस्ल भी कहा गया है, क्योंकि इसकी रंग, एवम् आकर मुर्रा नस्ल जैसा होता है एवम् दक्षिण भारत की अधिक मात्रा में दूध देने वाली नस्ल है। प्रती साल इससे तकरीबन 900 से 1350 लीटर तक दूध लिया जा सकता है।
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6. गोदावरी भेंस की नस्ल:
यह नस्ल भारत के गोदावरी नदी के आसपास के इलाकों में पाली जाती है, यह नस्ल मुर्रा भैंस की नस्ल से दूध की मात्रा कुछ कम रहती है, परंतु अधिक दूध देने के मामले में यह नस्ल फिर भी जानी जाती है, इसके दूध से घी बनाने हेतु काफी अच्छी मानी जाती है, इस भेंस का नस्ल एमपी के अनेक जनपद को मिलाकर बनाया गया था जिसे गोदावर जनपद के नाम से जाना गया था, जिस एरिया में यह भेंस पाली जाती थी उसी के अनुसार ही इस्का नाम पड़ गया। इस भैंस की नस्ल में रोग प्रतिरोधक क्षमता जबर्दस्त होती है, दूध के लिहाज से यह 2100 से 2300 लीटर प्रति साल लिया जा सकता है
7. जाफराबादी भैंस की नस्ल: ये है भेंस की 10 टॉप नस्ले
प्रती दिन 30 लीटर दूध देने वाली यह भेंस की नस्ल मुख्य रूप से गुजरात के जाफराबाद जिले में पाई जाती है, इसके दूध में वसा 8 फीसदी तक रहती है,भेंस की 10 टॉप नस्ले अधीक मजबूती के चलते गिर भैंस भी कहा जाता है। इसका वहां 800 किलो तक रहता है , वजन के साथ साथ इस भैंस को डेयरी पालन में काफ़ी लोकप्रिय है, इस भैस का रंग काला, सिंग घुमावदार एवम् मुंह छोटा होता है। इसके माथे पर सफेद निसान एवम् त्वचा ढीली होती है। बाजार में इसकी कीमत तकरीबन 1 लाख से 1.20 लाख रुपए तक होती है।
8. भदावरी भैंस की नस्ल :–
उतर प्रदेश के आगरा के आसपास इलाके में यह नस्ल काफी मशहूर है, यानी आगरा के भदावर गांव की इस नस्ल की भैंस का इजात हुआ है, भेंस की 10 टॉप नस्ले डेयरी बिजनस के लिए किसान साथी इस नस्ल का पालन करके अधिक लाभ ले सकते है। अन्य नस्ल की बजाय अधिक गर्मी सहन करने में सक्षम है। इसकी ब्यंत में 50 से 52 माह का समय लेती है, वही यह नस्ल 1200 से 1400 लीटर एक ब्यांत के बाद देती है। इसके दूध की फैंट 13 फीसदी तक रहती है।
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