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गेहूं भाव एमएसपी रेट पर बोनस के बावजूद सरकारी खरीद का लक्ष्य नहीं हो रहा पुरा, जानें लेटेस्ट रिपोर्ट

गेहूं भाव एमएसपी रेट से ऊपर खरीद हेतू सीज़न 2024- 25 पर कई राज्यों ने 125 रुपए तक बोनस दिया है, परंतु फिर भी सरकारी खरीद का लक्ष्य पूरा न होने की संभावना है। इधर मौसम विभाग का अनुमान यदि सच साबित होता है तो गेहूं उत्पादकों की चिंता एवं कठिनाई बढ़ जाएगी। पंजाब, हरियाणा, मध्य राज्यों में अब कोई भी प्राकृतिक आपदा मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश तथा राजस्थान जैसे गेहूं की फसल के लिए हानिकारक साबित होगी क्योंकि वहां दाने परिपक्व हो चुके हैं और अब उसे कटाई के लिए अनुकूल मौसम की जरूरत है।

फिलहाल एमएसपी रेट पर गेहूं भाव के संपूर्ण राज्य लक्ष्य निर्धारित

रबी सीजन 2024- 25 के लिए पंजाब में 130 लाख केन्द्र सरकार ने चालू रबी मार्केटिंग टन, हरियाणा एवं मध्य प्रदेश में 80- 80 लाख टन, उत्तर प्रदेश में 60 लाख टन, राजस्थान में 20 लाख टन तथा बिहार में 2 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है। राष्ट्रीय स्तर पर केन्द्रीय पूल के लिए 373 लाख टन से कुछ अधिक गेहं खरीदने पैदावार एवं क्वालिटी प्रभावित हुई तो का लक्ष्य रखा गया है लेकिन लक्ष्य तक पहुंचना मुश्किल हो सकता है। वैसे अधिक से अधिक मात्रा में गेहूं की खरीद सुनिश्चित करने के लिए सरकार हर संभव उपाय कर रही है।

मौसम की खराबी बन रहा रुकावट

मार्च के अंत एवं अप्रैल के आरंभ में देश के कुछ राज्यों में तेज हवा के साथ हुई बारिश एवं ओलावृष्टि से गेहूं की फैसल प्रभावित होने की संभावनी से सरकार ने इंकार किया है और अप्रैल में हई वर्षा से उत्पादन पर असर पड़ने की आशंका। चालू सप्ताह के दौरान भी देश के कई भागों और खासकर पश्चिमोत्तर राज्यों तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र में बारिश होने से गेहूं की फसल पर कुछ प्रभाव पड़ सकता है। ध्यान देने वाली बात है कि रबी सीजन की अन्य प्रमुख फसलों-सरसों, चना, मसूर, मटर एवं जौ की कटाई तैयारी अधिकांश क्षेत्रों में या तो पूरी हो गई है या अंतिम चरण में पहुंच चुकी है मगर गेहं की अधिकांश फसल अभी खेतों में ही खड़ी है क्योंकि अप्रैल-मई में इसकी जोरदार कटाई होती है।

 

राजस्थान में गेहूं की सरकारी खरीद उम्मीद के अनुसार न होने से नियमों में बदलाव किया गया। अब 70% चमकहीन 6% काले व क्षतिग्रस्त व 20% तक सिकुड़े हुए दाने की खरीद की जाएँगी। इस खरीद में 2275 रुपए की MRP पर 125 रुपए का बोनस दिया परन्तु उसके बावजूद खरीद रफ़्तार नहीं बढ़ पायी क्योंकि मंडियों में भाव अधिक। किसानों को लगता है कि FCI की खरीद प्रक्रिया जटिल है जबकि खुले बाजारों में गेहं की खरीद प्रक्रिया आसान होने के साथ-साथ पेमेंट भी हाथों-हाथ मिलती है।

सरकरी खरीद शुरू होने से गेहूं का स्टॉक केंद्रीय पूल में बढ़ने लगा। 1 अप्रैल को केंद्रीय पूल में गेहूं स्टॉक 75 लाख टन बचा था जो अब बढ़कर 103 लाख टन पहुंच चुका है। इन 15 दिनों में केंद्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक 26.68 लाख टन अधिक। यह स्टॉक 11 अप्रैल 2023 की अवधि से 20.25 लाख टन ज्यादा। मौजूदा स्टॉक अप्रैल के स्टॉकिंग नोर्म्स 74.6 लाख टन से 29.10 लाख टन अधिक है।

पंजाब में गेहूं खरीद लक्ष्य 132 लाख टन रखा गया, 26 अप्रैल तक राज्य से 57.64 लाख टन गेहूं खरीद की जा चुकी है। इस वर्ष पंजाब में गेहं की निजी खरीद अधिक, भाव ऊंचे होने के कारण लोकल खरीद बढ़ी। पिछले 3 सप्ताहों में पंजाब में 24.8 लाख टन गेहं की आवक दर्ज की गयी जिसमें से 1.42 लाख टन प्राइवेट कारोबारियों द्वारा ख़रीदा गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अधिकारीयों को गेहूं की खरीद बढ़ाने को कहा। इस वर्ष खरीद लक्ष्य 60 लाख टन रखा गया, खरीद के लिए 6500 केंद्र खोले गये। अब तक उत्तर प्रदेश के 2.75 लाख किसान पंजीयन कर चुके हैं। 26 अप्रैल तक राज्य से 4.84 लाख टन गेहूं खरीद की जा चुकी है। जिस अनुपात में गेहूं की सरकारी खरीद हो रही है उसे देख लगता है कि पिछले 2 सालों का खरीद रिकॉर्ड टूट सकता है।

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