Maize variety P-1899: किसानो के लिए मक्का की पायनियर सीड्स की हाइब्रिड किस्म की बुवाई करके किसान साथी अच्छी पैदावार ले सकते है। तो चलिए इसकी बुवाई, उत्पादन खाद बीज समेत सभी जानकारी आपके साथ सांझा करेंगे…
मक्का की खेती देश भर में की जाती है इसकी खेती रवि एवं खरीफ सीजन में दो बार बुवाई की जा सकती है बात करें उत्पादन की तो भारत में सबसे ज्यादा उत्पादन कर्नाटक में मक्के का होता है इसके बाद महाराष्ट्र गुजरात पंजाब आंध्र प्रदेश बिहार उत्तर प्रदेश में भी काफी क्षेत्र में की जाती है। अलावा पायनियर सीड्स कंपनी द्वारा अनेक प्रकार की फैसले जैसे सरसों, गेहूं, बाजरा, मूंग समेत अनेक प्रकार की वैरायटी का भी बीज तैयार किया जाता है।
इस समय मक्का की बुवाई का समय नजदीक आ रहा है ऐसे में मक्का की अच्छी किस्म का चुनाव करना किसानों के लिए अति आवश्यक है क्योंकि खेतों की जुताई के बाद सबसे महत्वपूर्ण उत्पादन बढ़ोतरी हेतु बी का रहता है अच्छे बीज की किस्म का चुनाव करके अच्छा उत्पादन लिया जा सकता है इसी कड़ी में पायनियर सीट्स द्वारा मक्के की कई प्रकार की किस्म निजात की गई है जो अच्छा उत्पादन देने के लिए जानी जाती है तो चलिए आज के इस लेख में हम जानेंगे मक्का की हाइब्रिड किसान जो अच्छा उत्पादन देती है।
मक्का की नई किस्म Maize variety P-1899 के बारे में जानकारी
हाल ही में पायनियर सीड्स द्वारा मक्का की हाइब्रिड किस्म Maize variety P-1899 विकसित की गई है, हाइब्रिड की यह किस्म अधिक पैदावार देने के लिए जानी जा रही है, किसके कारण किसान साथी काफी इस किस्म को पसंद कर रहे हैं, हाइब्रिड की यह किस्म अच्छे उत्पादन हेतु कितना बीज, खाद एवम् इसकी क्या क्या विशेषताएं हैं आदि के बारे में चलिए जानते हैं…
मक्का की खेती का बुवाई समय एवम् इसके लाभ
मक्का की खेती भारत के पहाड़ी से लेकर मैदानी क्षेत्रों में आसानी से की जा सकती है, मक्का की खेती प्रमुख रूप से खरीफ की फसल है, परंतु सिंचाई वाले क्षेत्रों में इसकी खेती रबी सीजन में भी की जाती है, मक्का कार्बोहाइड्रेट का प्रमुख स्रोत है, इसके बहुआयामी उपयोग है, मनुष्य के साथ साथ पशुओं के चारे में भी इसका उपयोग किया जाता है, इसके अलावा ओद्योगिक क्षेत्र में भी मक्के का काफी महत्व है।
मक्का की किस्म पी-1899( Maize variety P-1899) की प्रमुख विशेषताएं क्या क्या है ?
मक्का की हाइब्रिड किस्म Maize variety P-1899 का निजात पायनियर सीड्स द्वारा किया गया है, यह किस्म अधिक पैदावार देने वाली होने के चलते अधिक पसंद की जा रही है, मक्का की यह किस्म अपने मजबूत तने के लिए भी जाती है, एवम् इसमें 2 भुट्टे तने में निकलते हैं और इसके दाने काफी बड़े बड़े होते है जो उत्पादन में बढ़ोतरी हेतू लाभदायक है, इसकी खेती अधिक तापमान वाले क्षेत्र में भी आसानी से की जा सकती है।
मक्का की किस्म पी-1899 के पकने का समय
मक्का की बुवाई 3 सीज़न में भारत में की जाती है, रबी, खरीफ एवम् जायद । खरीफ सीजन में जून एवम् जुलाई महीना, खरीफ सीजन में अक्टूबर से नवंबर माह एवम् जायद सीज़न में फरवरी माह में इसकी खेती की जाती है, वही जलवायु की बात करें तो इसके लिए उष्ण एवम् आर्द्र जलवायु उपयुक्त मानी गई है, वही मिट्टी की बात करे तो इसके लिए भूमि में जल निकासी अच्छी होनी चाहिए वही मक्का की किस्म पी-1899 ( Maize variety P-1899) तकरीबन 90 से 105 दिन का समय ले लेती है, यानी 3 माह में इसकी कटाई कर सकते है।
मक्का की किस्म Maize variety P-1899 का उत्पादन
उत्पादन देने के लिहाज से मक्का की यह किस्म काफी अच्छी मानी गई है, वही औसत पैदावार के हिसाब से तकरीबन 450 से 50 क्विंटल तक उत्पादन दे देती है। यदि उचित मात्रा में इस फसल में जैविक, ऑर्गेनिक एवम् पोषक तत्वों का इस्तेमाल किया जाएगा तो उत्पादन में 5 से 7 क्विंटल और अधिक पैदावार ले सकते है।
मक्का की किस्म पी-1899 बीज की मात्रा?
पायनियर सीड्स की मक्का की किस्म Maize variety P-1899 में बीज की मात्रा के लिए किसान साथी प्रति एकड़ के हिसाब से 7 या 8 किलो का इस्तेमाल कर सकते है, जो कृषि विभाग द्वारा भी अनुमोदित किया गया है। हालांकि भूमि के अनुसर इसमें कुछ मात्रा कम या अधिक रख सकते है।
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