खरपतवार मोथा धान की फसल में काफ़ी नुकसान कर सकता है आपको बता दें कि समय समय जुलाई माह का तकरीबन आधा महीना जा चुका है एवं धान की बुवाई कई राज्यों में कर चुके हैं और कुछ राज्यों में अभी भी जारी है ऐसे में धान के फसल में कई प्रकार के रोग कीट एवं खरपतवार उगने का खतरा बढ़ जाता है इसी को ध्यान में रखते हुए कृषि विशेषज्ञ धान की रोपाई के बाद इनका उपाय कैसे करें इसके बारे में विस्तार से इस लेख में जानेंगे।
खेत में खरपतवार मोथा , पहचान एवं उपाय
जुलाई के आधे महीने बीत जाने के बाद धान की रूपाई का कार्य जोरो पर है, यानि आगामी 10 दिन तक लगभग पूरी कर ली जाएगी। ऐसे में इस समय तरह तरह के खरपतवार, कीट एवं रोग के साथ साथ कई तरह के घास उग आते है, जो धान की फसल को काफ़ी नुकसान पहुंचा सकते हैं, एवं पैदावार को कम कर देती हैं, धान की फसल में प्रमुख खरपतवार मोथा भी आता है, खड़ी धान की फसल को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ता यानी धान के लिए यह अभिशाप बन सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए कृषि विशेषज्ञ क्या कहते हैं चलिए जानते हैं। एवं किसान इनको नियंत्रित करने हेतु क्या क्या उपाय कर सकते हैं।
हाल ही में वरिष्ठ कृषि अधिकारी रायबरेली के राजकीय कृषि केंद्र में कार्यरत श्री दिलीप कुमार सोनी ने बताया कि धान की रोपाई के बाद कई तरह के कट खरपतवार एवं रोग लगने का खतरा बना रहता है जिसमें मोटा एक प्रमुख खरपतवार माना जाता है जो पसंद की बुधवार को रोक देता है इसलिए किसान सही समय पर उनके नियंत्रण हेतु कीटनाशक का प्रयोग करें जिसे फसल समय पर अच्छा ग्रोथ करें एवं पैदावार में बढ़ोतरी हो।
ऐसे करें खरपतवार मोथा की पहचान
कृषि विशेषज्ञ के अनुसार मोथा दिखने में हरे रंग का खरपतवार है जिसकी पतियां तिकोने आकार की होती है, एवं जड़े काफ़ी गहराई में होती है, पतियां काफ़ी कठोर होती है जो सूखने के बाद भूरे रंग की दिखाई देने लगती है।
कैसे करे इसका उपाय
कृषि विशेषज्ञ के अनुसार यह खरपतवार धान की बुवाई के बाद खेत में उग आता है इससे बचने हेतु कम से कम दो बुवाई धान की फसल लगाने से पहले करे, इसके साथ साथ धान बुवाई के बाद किसान साथी कीटनाशक का इस्तेमाल करे, किसान इस हेतु पेंडीमेथलीन 30 ई.सी, ब्यूटी फ्लोर 50% EC, प्रोटीन फ्लोर ऑक्सीफ्लोरफेन, पाइराजोसल्फ्यूरान इथाईल डब्ल्यू पी दवाई का खेत में छिड़काव करे। किसान साथी धान रुपाई के 2 से 3 दिन बाद इस दवाई का इस्तेमाल कर सकते हैं, इस प्रकार किसान इस खरपतवार नियंत्रण हेतु उपाय कर सकते हैं।
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