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धान सोयाबीन मक्का समेत खरीफ सीजन में बंपर पैदावार हेतू अपनाए ये तरीके। बुवाई से पहले जान लें।

Kharif crop tips in hindi| इस समय साल 2024 का खरीफ सीजन शुरु हों चुका है, जहां तक खरीफ सीज़न की फ़सल कपास की बुवाई का कार्य अपने पीक पर पहुंच गया है वही धान के साथ साथ सोयाबीन मक्का एवम अन्य फसलों की बुवाई इस समय शुरु हों रही है, बुवाई से पहले किसानों को कृषि विभाग के अनुसार कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए जिससे अधिक पैदावार लें सके।

 

खरीफ सीजन की प्रमुख फसल धान सोयाबीन मक्का कपास गवार जैसे कई अनाज एवम नकदी फसल देश भर में बोई जाती है यानी गर्मी सीजन के तुरंत बाद किसान उपरोक्त फसलों की बुवाई करते हैं । ऐसे में ज्यादा पैदावार लेने हेतु किसान किस उर्वरक एवं कीटनाशक का भी उपयोग कर सकते हैं जिससे अधिकतम लाभ मिल सके, इसके अतिरिक्त घरेलू खाद यानी जैविक खाद का भी इस्तेमाल करते हैं। अतः रबी सीजन का कार्य अब लगभग खत्म हों चुका है, ऐसे में बंपर पैदावार हेतू किसान भाई कई प्रकार की सावधानियां अपनाकर अच्छी पैदावार ले सकते हैं।Kharif crop tips |

परंतु किसानों को कई बार इन बातों का ज्ञान न होने की वजह से या लापरवाही बरतने के कारण अच्छी पैदावार नहीं मिल पाती, ऐसे में आपको बता दे की फसल बुवाई से लेकर कटाई तक सभी प्रकार के कार्य किसान भाई कम लागत में अधिक पैदावार ले सकते हैं, अतः किसानों को अधिक पैदावार लेने के लिए बुराई से पहले क्या-क्या कार्य करने चाहिए इसके बारे में चलिए विस्तार से इस लेख में जानते हैं।

खरीफ सीजन में अच्छे से करें खेतों में जुताई

Kharif crop tips in Hindi | रबी सीजन की फसलों की कटाई के बाद खेत लगभग खाली हों चुका है, ऐसे में गर्मी में खाली खेत पानी के अभाव में मिट्टी अधिक सख्त हो जाती है जिसे बचने हेतु किसान भाई गर्मी के मौसम में जुताई जरूर करें, दूसरी और एक अनुमान एवं वैज्ञानिकों की राय में केमिकल फर्टिलाइजेशन की वजह से खेत में 6 इंच के करीब की मिट्टी सख्त हो जाती है।

इस समय किसान खरीफ सीजन में कल्टीवेटर के माध्यम से जुताई करते हैं जो अधिकतम 3 इंच गहराई तक ही हो पाती है, यानी ये कहे की मिट्टी सख्त होती है उतनी गहराई तक इस कृषि उपकरण से जुताई नहीं हो पाती एवम पौधे की जड़े भी नीचे नमी तक नही पहूंच पाती जिससे पौधे की ग्रोथ रुक जाती है, जो उत्पादन को काफ़ी प्रभावित करती है। ऐसे में किसान एक बार पानी देने से पहले गहराई से जुताई जरूर करें।

ग्रीष्मकालीन जुताई कब करें ?

Kharif Crop tips | कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि ग्रीष्म कालीन जुताई करने का सही समय मई जून माह है। क्योंकी इस महीने में तापमान काफ़ी अधिक होता है। वही अधिक गर्मी के कारण कई प्रकार के कीड़े मकोड़े अपने घर जमीन के अंदर बना लेते हैं जो बाद में फसल को बर्बाद करते हैं। यदि इस समय जुताई की जाए उस समय अंडे नष्ट हो जाते हैं।

क्या है गर्मी में जुताई के लाभ

ग्रीष्मकालीन जुताई के खरीफ फसल में अनेकों लाभ होते है, क्योंकि इस समय अनेक प्रकार के जीवाणु काफी मात्रा में सक्रिय होते हैं जो दलहन की फसल Kharif Crop tips में काफ़ी लाभदायक होता है। इसके अलावा ग्रीष्मकालीन जुताई कीट एवं रोग नियंत्रण में भी सहायक है, एवम मिट्टी में हानिकारक कीड़े तथा रोगों के रोगकारक भूमि की सतह पर आ जाते हैं और तेज धूप से नष्ट हो जाते हैं।

मिट्टी में वायु तथा सूर्य के प्रकाश की सहायता से मिट्टी में विद्यमान खनिज अधिक सुगमता से पौधे के भोजन में परिणित हो जाते हैं। इसके साथ ही खाद व अन्य कार्बनिक पदार्थ भी भूमि में अच्छी तरह मिल जाते हैं एवम जिससे पोषक तत्व शीघ्र ही फसलों को उपलब्ध हो जाते हैं।

 

इतनी गहराई में करें जुताई

अधिक पैदावार हेतू किसान भाई खरीफ सीजन में नई फसल की बुवाई से पहले ग्रीष्मकालीन जुताई जमीन में 6 इंच तक करनी जरूरी होती है। क्योंकि किसी भी फसल के जड़ का विकास 6 से 9 इंच तक होगा, जिससे फसल बेहतर तैयार होती है, इसके लिए किसान ट्रैक्टर के साथ दो हल वाले एमपी फ्लाई, डिस फ्लाई, क्यूचिजन फ्लाई मशीन के हल का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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