भिंडी की खेती कैसे करें: नमस्कार किसान साथियों, जैसा भारत में कृषि के सीजन रबी, खरीफ एवम जायद सीज़न तीन प्रकार से खेती की जाती है, एवम् अनेक प्रकार की फसलों की खेती अलग अलग सीज़न में की जाती है, बीते सालों से परंपरागत खेती करने से उत्पादन में कमी आई है, इसी को देखते हुए किसान अब तकनीकी खेती के साथ साथ, सब्जी एवम् उद्यान हेतु की ओर अपना रूख बदल रहें हैं क्योंकि सब्जी की खेती कम समय में अधिक उत्पादन देती है, इसके अलावा इस समय सब्जी की ज्यादा मांग भी बनी हुई है, इसको लेकर भी किसान साथी अधिक पैदावार के साथ साथ अच्छा लाभ ले सकते है ।
भिंडी की खेती से कमाई होगी बंपर
Bhindi ki kheti: भिंडी सब्जियों में प्रमुख स्थान रखती है, जिसे लेडी फिंगर (lady finger) या फ़िर ओकरा के नाम से भी जाना जाता है। किसान साथी अगेती भिंडी की खेती करके अच्छा लाभ ले सकते है। सब्जी की खेती इस सीज़न में उगाकर किसान साथी 2 से 3 लाख प्रति एकड़ की कमाई आसानी से कर सकते है, इसके लिए अच्छी गुणवत्ता वाले बीज, मिट्टी, खाद, उर्वरक एवम् सही मात्रा में सिंचाई के साथ साथ बुवाई का उपयुक्त समय एवम् जानकारी होना अति आवश्यक है, जिससे अधिकतम लाभ लिया जा सके, तो किसान साथियों आज हम इस लेख में भिंडी की खेती कैसे करें, की संपूर्ण जानकारी आज जानेंगे ताकी अप्छा लाभ ले सके
भिंडी हेतु बुवाई, जुताई एवम् उपयुक्त मिट्टी
भिंडी में अनेक पोषक तत्व मौजूद होते हैं जैसे – प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, खनिज लवण जैसे फास्फोरस, कैल्सियम, इसके अलावा अनेक प्रकार के विटामिन जैसे विटामिन ए, बी सी, थायमिन आदि पाया जाता है, मौसमी एवम् अधिक उत्पादन देने वाली भिंडी की शंकर किस्म वैज्ञानिकों ने इजात की है जो बीज उगते समय तकरीबन 27 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान झेल सकती है।
भिंडी की खेती के लिए सबसे उपयुक्त तापमान अधिक अवधि तक गर्म एवम् नमी भरा वातावरण उपयुक्त माना जाता है, भिंडी की बुवाई दोनो ऋतुओं यानी गर्मी एवम् सर्दी में की जा सकती है, इसके लिए भूमि का pH मान 7.0 से 7.8 तक सही होता है। बुवाई से पहले कम से कम 2 से 3 बार अच्छे से जुताई करके भूमि को समतल जरुर करें।
किसानो को सलाह भिंडी की खेती से पहले जानें भिंडी की उन्नत किस्में
किसान साथियों भिंडी की अच्छी पैदावार हेतु किसान साथी सबसे पहले अधिक उत्पादन देने वाली भिंडी की उन्नत किस्में कोन सी है, इसके बारे में जानकारी होना अति आवश्यक है तो चलिए प्रमूख उन्नत भिंडी की कोन सी है…
1. भिंडी की किस्म वर्षा उपहार / varsha uphar variety
2. भिंडी की किस्म अर्का अभय/ Arka Abhay Variety
3. भिंडी की किस्म परभनी क्रांति/Parbhani Kranti variety
4. भिंडी की किस्म पूसा मखमली/Pusa Makhmali Variety
5. भिन्डी की किस्म पूसा सावनी /Pusa Sawani Variety
6. भिंडी की किस्म वी.आर.ओ.-6 / VRO-6 variety
7. भिंडी की किस्म हिसार उन्नत / Hisar Unnat Variety
8. भिंडी की किस्म पूसा ए-4 / Pusa A-4 variety
भिंडी की खेती हेतू बुवाई कैसे करें?
अच्छी पैदावार एवम् बेहतर लाभ लेने हेतु भिंडी की बुवाई करते समय विशेष ध्यान देना जरूरी है, किसान साथियों भिंडी की बुवाई करने से पहले कतार बना ले एवम् कतार बनाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि कतार से कतार के बीच की दूरी कम से कम 25 से 30 सेंटीमीटर जरूर रखे, वही बुवाई के समय पौधे से पौधे की दूरी कम से कम 15 से 20 सेंटीमीटर की रखें, ताकी पोधा अपना फैलाव अच्छे से कर सके।
बुवाई के बाद किसान साथी इस प्रकार करें निराई गुड़ाई
किसान साथियों भिंडी में सबसे बडी समस्या घास फूस की देखने को मिलती है, जो भिंडी को उगने से लेकर पकने तक नुकसान करती है, इसलिए किसान इस बात का ध्यान जरुर रखें, की समय समय पर घास फूस खेत से निकालते रहें, घास खेत में नमी को चूस लेते हैं, क्योंकि भिंडी हेतु नमी की अधिक मात्रा की आवश्यकता पड़ती है, पहली बार सिंचाई के 20 से 25 दिन बाद निराई गुड़ाई जरुर कर दे
सिंचाई किस समय करे
Bhindi ki kheti: किसान साथी भिंडी में सिंचाई का विशेष ध्यान रखें, क्योंकि उसमे अधिक नमी की जरूरत होती है, पहली सिंचाई का उपयुक्त समय 7 से 10 दिन बाद करें, एवम् नमी की उपयुक्त मात्रा खेत में रखे, दूसरी सिंचाई बुराई के 20 से 25 दिन बाद कर दे। इस प्रकार किसान साथी बार बार सिंचाई करते रहें।
किसान साथी इस प्रकार करें तुड़ाई
साथियों किसान अपनी फसलों में समय समय पर भिंडी की तुड़ाई करते रहें, यानी कीमत पर तुड़ाई निर्भर करती है, भिंडी पौधे पर जैसे ही लगने लगती है उसके बाद 5 से 7 दिन में जब भिन्डी का आकार 2 इंच आकार ले इस समय जरुर करें यानि लगातार इस प्रकार तुड़ाई करते रहें, वैसे भिन्डी की बुवाई के 45 से 50 दिन बाद लगने लगती है।
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