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केंद्र सरकार ने मसूर दाल पर 10 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी लगाई, पीली मटर पर ड्यूटी फ्री 31 मई एवं टूटे चावल एक्सपोर्ट की छूट, जाने डिटेल्स..

हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा मसूर दाल पर बड़ा फैसला किया है, क्योंकि अभी सरकार ने मसूर की दाल पर इंपोर्ट ड्यूटी को 10 फीसदी तक लगाने का फैसला लिया गया है, हालांकि पीली मटर पर सरकार द्वारा आगामी 31 मई यानि 3 माह तक ड्यूटी फ्री इंपोर्ट की तिथि निर्धारित की गई है। जिसकी अधिसूचना आज सरकार द्वारा जारी कर दी गई है।

केंद्र सरकार ने बीते दिन यानी कल से ही मसूर दाल एवं पीली मटर की इंपोर्ट ड्यूटी पर बड़ा फैसला लिया, जबकि टूटे चावल को एक्सपर्ट बैन भी हटा दिया गया, सरकार द्वारा अब दाल पर 5 फीसदी तक बेसिक कस्टम ड्यूटी के साथ 5 फीसदी एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट सेस लगाएगी।

केंद्र सरकार द्वारा पिछले काफी समय से दालों को आयत शुल्क से फ्री किया हुआ था, भारत सरकार द्वारा सबसे पहले पीली मटर के ड्यूटी फ्री इंपोर्ट को मंजूरी दी थी, इसके बाद सरकार ने इसे 3 बार 28 फरवरी तक बढ़ाया था, सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2024 में दालों का आयत 67 लाख टन आयत हुआ, जिसमें पीली मटर का हिंसा 30 लाख टन रहा।

इसके अलावा एक ओर खबर टूटे चावल के निर्यात को लेकर आई, सरकार द्वारा अब टूटे चावल के निर्यात छूट की परमिशन दे दी है, जिसे सरकार द्वारा साल 2022 सितंबर में लगाई गई थी, इसके बारे में नोटिफिकेशन के द्वारा टूटे चावल पर निर्यात करने की परमिशन दे दी है, दूसरी और से एक्सपोर्टर्स द्वारा सरकार से मांग की है कि वह इन्वेंटरी में वृद्धि के कारण शिपमेंट की इजाजत दे। बीते वर्ष सरकार द्वारा गैर बासमती चावल के साथ सफेद चावल पर लगने वाले MEP विदेशी शिपमेंट 490 अमेरिकी डॉलर को हटा दिया गया था।

यह घोषणा सरकार ने उस समय की है जब सरकारी गोदामों में प्राप्त मात्रा में स्टॉक पड़ा है। दूसरी ओर खुदरा महंगाई दर भी इस समय नियन्त्रण में है, सरकारी आंकड़ों के अनुसार इंडोनेशिया, बेनिन , सेनेगल एवं गांबिया को वर्ष 2023- 24 में 19.45 करोड़ डॉलर के टूटे चावल बेचे थे, वही वर्ष 2022- 23 में यह आंकड़ा 98.34 करोड़ रुपए तक था।

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